बैंक ऑफ़ बड़ौदा में Lien Amount क्या होता है?

बैंक ऑफ़ बरोदा भारत में एक सार्वजनिक क्षेत्र बैंक है और भारतीय स्टेट बैंक तथा पंजाब नेशनल बैंक के बाद यह भारत के तीसरे सबसे प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के औदे पर काम करता है। अब हम यह समझने की कोशिश करते हैं की Lien amount किसे कहते हैं। सरल भाषा में हम lien amount को उधार बकाया पैसा भी कह सकते हैं। कई बार ऐसा होता है की बैंक को हमारे खाते में से कुछ पैसे काटने पड़ते हैं क्योंकि वह बैंक हमें अनिवार्य सेवाएं प्रदान कर रहा है या फिर कई बार बैंक हमारे निर्देशानुसार किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को पैसे देता है इसके लिए भी बैंक हमारे खाते से पैसे की सही निकासी करने के लिए उत्तरदाई है।

Lien amount उस राशि को कहा जाता है जो हम पर बकाया है। बैंक जब हमारे स्थान पर पैसों का आदान प्रदान करता है तो बैंक खुद घाटे में ना आ जाए इसलिए एक सुनिश्चित राशि को हमारे उपयोग के लिए प्रतिबंधित किया जाता है। इसी प्रतिबंधित राशि को lien amount कहा जाता है। यूं तो ऐसे कई उदाहरण है जब बैंक अपने ग्राहक के खाते पर lien लगता है मगर आमतौर पर उपयोग में आने वाले कुछ उदाहरण हम इस आर्टिकल के माध्यम से समझते हैं।

बैंक हमें कुछ ज़रूरी सेवाएं प्रदान करता है जैसे की एटीएम कार्ड की सेवा, बैंक लॉकर की सेवा इत्यादि जिसके लिए बैंक हमारे खाते से एक सुनिश्चित राशि कटता है। इसके अलावा बैंक हमारे खाते से अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज भी काटता है। अब मान लीजिए कि हमारा कोई चेक बाउंस हो गया तो बाउंस हुए गए चेक पर भी बैंक एक सुनिश्चित राशि की कटौती करता है। यह वह सारी राशियां है जो बैंक को देने के लिए हम पर बकाया रहती है।

खाते में जब बकाया राशि से ज़्यादा पैसे मौजूद हो तो बैंक स्वयं ही अपनी बकाया राशि काटकर शेष राशि हमारे उपयोग के लिए छोड़ देता है। मगर कई बार ऐसा होता है कि हमारे खाते में बकाया राशि जितने भी पैसे नहीं है। ऐसे में बैंक हमारे खाते पर lien लगा देता है। इसका अर्थ यह है कि अब जब भी हमारे बैंक खाते में पैसे आएंगे तो सर्वप्रथम बैंक अपने lien amount का भुगतान लेगा उसके बाद शेष राशि हमारे उपयोग के लिए होगी।

bank of baroda lien amount

आज के समय पर क्रेडिट कार्ड की सुविधा लेना बड़ी सामान्य बात हो गई है। आमतौर पर क्रेडिट कार्ड की सेवा लोग अपने डिपॉज़िट के ऐवज में लेते हैं। ऐसे में बैंक खुद को किसी भी घाटे से बचने के लिए ग्राहक के डिपॉज़िट पर temporary lien लगा देता है। जब ग्राहक अपनी क्रेडिट कार्ड की सेवा छोड़ता है तो यह lien स्वयं ही हटा दिया जाता है।

जब एक ग्राहक लोन लेता है तू बैंक हर महीने ग्राहक के खाते में से पैसे काटता है ताकि उसे लोन की सही तरीके से भरपाई हो सके। इस स्थिति में भी बैंक lien amount का प्रयोग करता है ताकि किसी भी बधा के बिना ही लोन की भरपाई हो सके।

आज के ज़माने में जब यूपीआई ट्रांजैक्शंस का बोलबाला है तो कई बार ऐसा देखने में आता है की गलती से हमारे खाते में पैसे आ गए जो कि किसी अन्य व्यक्ति के खाते में जाने थे। ऐसी स्थिति में भी बैंक आई गई राशि पर lien लगा देता है। सही व्यक्ति द्वारा जब इस राशि पर क्लेम किया जाता है तो बैंक उस राशि को सही व्यक्ति तक पहुंचाता है।

अब गौरतलब बात यह है की एक ग्राहक को कैसे पता लगे कि उसकी खाते पर lien लगाया गया है। यह जानना बहुत ही सरल है। Lien amount का पता ग्राहक अपने मोबाइल बैंकिंग के द्वारा या फिर पासबुक के द्वारा पता लगा सकता है।

जब बैंक यह आश्वासित हो जाएगा कि ग्राहक के खाते में भरपूर राशि है या फिर जब ग्राहक बकाया पैसों का भुगतान अपने खाते द्वारा कर देता है तो बैंक स्वयं ही अपने द्वारा लगाए गए lien को हटा लेता है।

निष्कर्ष

जब बैंक हमारे खाते में मौजूद एक सुनिश्चित राशि को हमारे प्रयोग के लिए प्रतिबंधित कर देता है ताकि स्वयं घाटे में ना आ जाए तब हम इसे lien amount कहते हैं। Lien कई कारण से हमारे खाते पर लगाया जाता है जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हमने इस आर्टिकल के द्वारा समझाने की कोशिश की है। जब बैंक अपने द्वारा प्रतिबंधित राशि का भुगतान हमसे करवा ले या फिर हमारे खाते में से कटौती कर ले तो स्वयं ही हमारे खाते में से lien हटा देता है।

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